The Ultimate Guide To पारद शिवलिंग online
The Ultimate Guide To पारद शिवलिंग online
Blog Article
पुत्रार्थी पुत्रमाप्नोति पयसा चाभिषेचनात।।
आमतौर पर हिंदू धर्म में सभी देवी-देवताओं की साकार रूप की पूजा होती है, जिनके हाथ, पैर, चेहरा आदि होता है, लेकिन एकमात्र शिव ऐसे देव हैं जो साकार और निराकार दोनों रूपों में पूजे जाते हैं.
पारद शिवलिंग को सूखे सूती कपडे से साफ़ करना चाहिए, इससे पारद शिवलिंग एकदम चमकने लगेगा ।
दरिद्रता, दुःख, पाप क्या होता है, रोग और शौक क्या होता है अगर पारदेश्वर के दर्शन मात्र से साक्षात् सौभाग्य उदय हो जाता है
यदि आप उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, अस्थमा, तथा डायबिटीज जैसी बीमारियो से परेशान हैं, तो आपको बस पारद शिवलिंग की पुजा करनी है, इससे आपको अवश्य ही लाभ प्राप्त होगा।
घर में इन जानवरों का आना होता है बहुत अशुभ, लाते हैं बहुत सारी नेगेटिविटी
spherical a person Mukhi rudraksha, spherical a single mukhi rudraksha beads, spherical just one mukhi rudraksha price, spherical a single mukhi rudraksha Gains, spherical ek mukhi rudraksha beads, spherical ek mukhi rudraksha benefits, relevance of round ek mukhi rudraksha, eka mukhi spherical rud
- सरसों के तेल से अभिषेक करने से रोग तथा शत्रुओं का नाश होता है।
जोधपुर में जलभराव get more info और बारिश को लेकर कंट्रोल रूम बनाया
हां, आपको अवश्य ही कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। सबसे पहले, किसी विश्वसनीय विक्रेता से ही शिवलिंग खरीदें। शिवलिंग का आकार और गुणवत्ता अच्छी होनी चाहिए, किसी भी तरह का क裂 या खरोंच नहीं होना चाहिए। आप अपनी इच्छानुसार छोटे या बड़े आकार का शिवलिंग चुन सकते हैं।
मिट्टी का घड़ा और सुराही आप भी लाएं घर, फायदे जान कर हैरान रह जाएंगा
घर में रखे हुए शिवलिंग का अभिषेक अवश्य करना चाहिए।
शिवलिंग पर चावल चढ़ाने का अपना विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि शिवलिंग पर चावल अर्पित करने से धन की प्राप्ति होती है। फिर चाहे वह धन किसी भी माध्यम से प्राप्त हुआ हो। उधार दिया गया पैसा वापिस पाने के लिए शिवलिंग पर चावल को अर्पित करना चाहिए।
शिवलिंग के शब्दिक अर्थ की बात की जाए तो शिव का अर्थ 'परम' कल्याणकारी है और लिंग का अर्थ 'सृजन' या 'प्रतीक' है। तो, शिवलिंग एक तरह से भगवान शिव का प्रतीक है। पुराणों के अनुसार शिवलिंग के मूल में ब्रह्मा, मध्य में भगवान विष्णु और ऊपर के भाग में भगवान शंकर विराजमान हैं।